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THE PHOTOGRAPHER

हरकू मोहन को खुद से दूर जाते देखता रहा । हरकू को अब यकीन हो चला था की अब उसकी दुकान को बिकने से कोई नही रोक सकता वो जहा खड़ा था वही बैठ गया तभी उसने किसी के अंदर आने की आहट सुनी । वो बोला कोन है वहा पर तभी एक बच्चे की आवाज आती है मे हू दादा जी अरे मोंटी तुम हरकू ने अपने आंसुओ को अपने अंदर पीते हुए कहा । जी दादा जी मै , मे सो गया था लेकिन अभी थोड़ी देर पहले मेरी आंख खुली ओर मै आपसे मिलने दुकान की तरफ आ रहा था । कि अचानक मुझे पापा की आवाज सुनाई दी जो की काफी गुस्से वाली लग रही थी । क्या हुआ दादा जी पापा आप से इस तरह क्यू बात कर रहे थे। ये सुन हरकू अपने दुखी चहरे पर हलकी सी झूठी मुस्कान लाया और बोला अरे वो नालायक मेरा बेटा मेरी बोहोत परवाह करता है आज सुबह मै अपनी दवाई लेना भूल गया था । बस इसी वजह से वो मुझ पर नाराज़ हो रहा था । तभी मोंटी ने झुकी नजरो से बोहोत प्यार भरी आवाज मै हरकू से कहा मे जानता हू दादाजी आप मुझसे झूठ बोल रहे है की पापा आपसे दवाई ना खाने की वजह से गुस्सा थे । मे जानता हू पापा और आपके बीच क्या बात हो रही थी मैं ने सब सून लिया है वो आपसे इस दुकान को बैचने का कह रहे थे बल्कि वो तो किसी को लेने गए है दुकान का सौदा करने के लिए । हरकू उसकी ये सारी बाते सुन खामोश खड़ा रहा वो कहता भी क्या मोंटी जो कह रहा था सही तो था सब । मोंटी कहता है पापा ठीक ही तो कर रहे है जब ये दुकान बिक जाएगी तब आप और दादी हमारे साथ शहर चल सके गै वहा मै आप को अपने दोस्तो से मिलवाऊगा वहा पार्क है शाम को वहा सारे बच्चे अपने घर वालो के साथ आते है खेलते कूदते हैं और फिर अपने घर चले जाते है। हरकू उसकी बाते ध्यान से सुन रहा होता है । तभी हरकू मोंटी से कहता है बेटा तुम एक बात बताओ तुम सब से ज्यादा प्यार किस से करते हो । मोंटी ने थोड़ी देर सोचा और बोला मम्मी , पापा और आप दोनो से तब हरकू बोला और सबसे ज्यादा आप किस से प्यार करते हो तब मोंटी ने काफी देर सोचा और बोला मम्मी , पापा से । ये सुन हरकू बोला अगर मै तुम्हारे मम्मी और पापा को शहर भेज दूं और तुम को यही रोक लूं अपने पास तो तुम कितने दिन यहां रुक सकते हो । मोंटी बोला एक या दो दिन क्योंकि मुझे मम्मी के साथ सोने की आदत है और पापा से कहानी सुनने की । हरकू बोला और अगर एक दो दिन से ज्यादा हो जाए तब , तब क्या करोगे तुम । ये सुन मोंटी बोला मै खाना पीना छोड़ दूंगा बोहोत रोऊंगा जब तक मम्मी पापा मुझे अपने साथ नही ले जाते मै अपने आप को कमरे मै बंद कर लूंगा । हरकू बोला पर ऐसा क्यों करोगे तुम बेटा यहां तुम्हारी दादी है मै हू जो तुमको घुमाएगा , खिलाएगा और नई नई कहानी सुनाएगा तुम्हारी दादी तुम्हारी पसंद का खाना बनाए गी फिर भी तुम ऐसा ही करो गै । तब मोंटी बोला मै आप लोगो से प्यार करता हूं पर मैं अपने मां बाप से केसे दूर रह सकता हू। तब हरकू बोला बेटा अब पता चला तुमको जिनसे हम प्यार करते है उनको देखे बिना हम लोग नही रह सकते बस यही वजह हे जो मै तुम लोगो को साथ नही रहता मुझे भी तुम्हारी बोहोत याद आती। हैं । पर क्या करू मजबूर हू मैं । मोंटी समझ चुका था कि क्यू उसके दादा जी इस दूकान , घर ओर गांव को छोड़ कर शहर क्यू नही जाना चाहते थे । पर वो अब भी समझ नही पा रहा था की आखिर कोई एक दूकान से इतना प्यार केसे कर सकता है इसी बात को जानने के लिए वो अपने दादा से उस दूकान से इतना प्यार करने की वजह पूछता है । ये सुन हरकू उससे कहता है क्या तुम सच मै जानना चाहते हो की मै इस दूकान से क्यू इतना प्यार करता हू । जी दादा जी बिलकुल जानना चाहता हू । हरकू कहता हे तो फिर सुनो इस दूकान की दास्तान " तुम जानते हो वो सामने दीवार पर जिस पर हार डाला हैं उस तस्वीर को जी मैं जानता हूं वो मेरे परदादा हैं यानी मेरे पापा के दादा और आप के पापा मोंटी ने कहा ये सुन हरकू जोर से हस्ते हुए बोला ठीक जवाब । ये है स्वर्गीय हीरा प्रसाद और कभी ये इस दुकान के मालिक होते थे फिर अचानक ये बीमार पड़ गए और कुछ दिन बाद भगवान ने इनको अपने पास बुला लिया । ये सुन मोंटी बोला अच्छा ये दूकान आप के पापा ने आप को दी थी इसलिए आप इससे प्यार करते है जैसे मैं अपना साइकल से जो मुझे पापा ने मेरे पिछले जन्मदिन पर दी थी । ये सुन हरकू मुस्कुराया ओर बोला जी सही कहा छोटे उस्ताद । चलो मै  तुमको शुरू से बताता हूं की केसे हमने इस दूकान को खोला और उस समय लोग केसे दीवाने होते थे फोटो खिंचवाने के कि केसे हमारी दूकान पर लोगो की भीड़ लगी रहती थी । क्या सच मै लोग फ़ोटो खिचवाने के लिए लाइन लगवाते थे मै तो एक सेकंड मै पापा के मोबाइल से फ़ोटो खीच लेता हू और प्रिंटर से प्रिंट भी निकाल लेता हू मोंटी ने आश्चर्य से कहा  । ऐसा ही हैं बेटा ये सब टेक्नोलॉजी की ही देन हैं । हरकू कहता हे क्या तुम जानते हो की हमारा देश पहले अंग्रेजो का गुलाम था । जी दादा जी मैं जानता हू मुझे मेरी हिस्ट्री की टीचर ने बताया था । ओर हमे आजादी कब मिली हरकू ने पूछा मोंटी ने सोचा और बोला १५ अगस्त १९४७ , सही जवाब हरकू बोला । तो ये कहानी शुरु होती है उससे कुछ साल पहले जब हमारा देश आजाद नही हुआ था । तुम्हारे परदादा और मेरे पिताजी जो अंग्रेजो के एक बोहोत बड़े जनरल के घर एक छोटे से मुलाजिम थे । उन्होंने सिर्फ कक्षा ५ तक पढ़ाई की थी उनके घर के हालात अच्छे नही थे जिस वजह से वो आगे नही पढ़ सकें । ओर उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और मेहनत मजदूरी करने लगे लेकिन उनको नई नई चीजें सीखने का काफी शोक था । कई साल वो मेहनत मजदूरी कर के अपने घरवालों का पेट पालते रहे फिर उन्होंने अपना शादी करली । जिस के बाद एक दिन वो अंग्रेजो के खेत मै काम कर रहे थे तभी एक अंग्रेज की नजर उन पर पढ़ी वो मुनीम के साथ उसके हिसाब किताब मै उसकी कुछ मदद कर रहे थे । उस अंग्रेज ने उनको इशारे से बुलाकर पूछा " क्या तुम पढ़ना लिखना जानते हो " उन्होंने डरते हुए कहा जी मै पढ़ना लिखना जानता हूं मै कक्षा ५ तक पड़ा हूं ये सुन अंग्रेज बोला कल से तुम मेरे घर काम करो गै मेरे घर का मुनीम जो की चोरी करने लगा था उसे मै ने ५० कोड़ो की सजा देकर घर से निकाल दिया । अब से तुम मेरे घर पर काम करने वाले नोकरो बावर्ची और बाजार से आने वाले सामान का हिसाब मुझको दो गै मै तुम को महीने के २० रूपी दूंगा । ये सुन कर मेरे पिता जी मना करना चाह रहे थे क्योंकि अंग्रेजी के यहां काम करने वाले को उन दिनों लोग अच्छा नही समझते थे लेकिन जो पैसे वो दे रहा था वो खेत मै हल जोत कर कमाए पेसो से दोगोना तिगुना थे इस लिए मेरे पिता जी ने उसकी पेशकश स्वीकार कर ली और वो उस के यहां काम करने चले गए । इसी तरह दिन गुजरते रहे वो अंग्रेज जनरल मेरे पिता से काफी खुश था और मेरे पिता जी उससे वो काफी अच्छा इंसान था वो और जालिम जनरल की तरह नही था जो हिंदुस्तानियों पर जुल्म करते थे वही दूसरी तरफ आजादी की चिंगारी भी हिंदुस्तानियों के दिलो मे सुलग रही थी फिर एक दिन उस अंग्रेज जनरल का एक दोस्त ब्रिटेन से उससे मिलने आया और अपने साथ एक बड़ा सा बॉक्स लाया । सब लोग हैरान थे और एक दूसरे की ओर देख कर पूछ रहे थे की आखिर इसमें क्या हो सकता हैं । तभी अपने कमरे से जनरल निकल कर आता है और अपने दोस्त जॉर्ज का वेलकम करता है और अंग्रेजी मै काफी बाते करता है । तभी जॉर्ज कहता है " i have  a surprise for you " go and open this । जनरल उस को खोलता है वो एक बड़ी सी मशीन थी । मेरे पिताजी और बाकी सब को लगा की वो एक नई तरह की बंदूक है । तभी जॉर्ज कहता हे " this is a camera it's newly invented go there and I will click a picture " बाकी सब को कुछ समझ नही आ रहा था की वहा क्या हो रहा है तभी जनरल उस मशीन के सामने थोड़े फासले से खड़ा हो जाता है और उनका दोस्त उस मशीन के अंदर सिर डाल कर  कुछ करता हैं । तभी वहा कुछ ऐसा होता हैं जिसे देख सब लोग हैरान हो जाते है और एक नौकर तो बेहोश हो जाता है । जैसे ही जॉर्ज अपना सिर उस मशीन मै डाल ता है तभी सामने खड़े जनरल पर एक बोहोत तेज रोशनी उसके चेहरे पर पड़ती है और एक जोर दार आवाज धुएं के  साथ सुनाई पड़ती है सब घबरा गए कोई नही जानता था की क्या हुआ है वहा पर कोई बोला भूकंप आ गया तो कोई कह रहा था की किसी ने कुछ जादू किया । इस से पहले की लोग कुछ समझ पाते जॉर्ज अंदर से एक कागज का टुकड़ा लाया जिस पर जनरल की हुबहू शक्ल वाला एक आदमी बना था । ये देख सब घबरा गए और सब जॉर्ज को जादूगर समझने लगे । उस दिन उसकैमरे का पहला कदम उस जनरल के घर में पड़ा था । उस दिन पूरे गांव मै सिर्फ उसी की बातें होती रही कोई उसको जादू बता रहा था तो कोई भगवान का करिश्मा ।

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2 Comments

Punam verma

19-Jan-2022 04:17 PM

Nice

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Mohammed urooj khan

19-Jan-2022 06:08 PM

Thanks

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